मानवाधिकार का हनन पड़ेगा महंगा, उठाए जायेंगे आवाज़

मानवाधिकार का हनन पड़ेगा महंगा, उठाए जायेंगे आवाज़

विश्व मानवाधिकार दिवस पर विशेष रूप से सभा का आयोजन किया गया मछलीशहर फौजदार इंटर कालेज में गोष्ठी का आयोजन किया गया। बताया गया कि मनुष्य को मानवाधिकार जन्म से ही प्राप्त है। इन्हें शासन या संविधान द्वारा संरक्षण नहीं प्राप्त होता हैं मानवाधिकार का उल्लंघन होने पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई होती हैं। जबकि मूल अधिकार का हनन होने पर न्यायालय में सुनवाई होती है। मनुष्य को हंसने, बोलने, भोजन करने आदि का जो अधिकार है यह मानवाधिकार की श्रेणी में आता है। भारत में मानवाधिकार 1993 में लागू किया गया। प्रदेश इकाई की एक बैठक हुई। इसमें मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कुछ सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोग उपस्थित हुए। अध्यक्षता हिंदुस्तान मानवाधिकार के प्रदेश प्रभारी व़कार हुसैन द्वारा संचालित किया गया